नर में नरेंद्र माँ भारती के आशाओं का अभिमान लाया हूँ। नर में नरेंद्र माँ भारती के आशाओं का अभिमान लाया हूँ।
दूर दूर तक बिखरा आसमाँ, कौनसा तारा देखूँ मैं। जीवन का हर पल है एक चुनौती, इसे कैसे समझाऊँ मैं। दूर दूर तक बिखरा आसमाँ, कौनसा तारा देखूँ मैं। जीवन का हर पल है एक चुनौती, इसे...
दोनों कैद हुए लम्हों की बस्ती में, जैसे रात दरख़्तों की परछाइयों में। दोनों कैद हुए लम्हों की बस्ती में, जैसे रात दरख़्तों की परछाइयों में।
लेकिन टिमटिमाती आंखों से जगत को निहारती हूं मैं। लेकिन टिमटिमाती आंखों से जगत को निहारती हूं मैं।
आसमान के तारो में बसती है मेरी मांँ दूर आसमान के चांँद सितारों के बीच चमकती है। आसमान के तारो में बसती है मेरी मांँ दूर आसमान के चांँद सितारों के बीच चमकती ह...
अंधेरी रात। सुनसान छत। तुम और मैं, करनी है ढ़ेर सारी बात। अंधेरी रात। सुनसान छत। तुम और मैं, करनी है ढ़ेर सारी बात।